जवान पुत्र की मौत के बाद ब्यावर के समाजसेवी ओम मुनि ने हिम्मत नहीं हारी और अपने पोते को चार्टर्ड अकाउंटेंट बनवाया।

13 सितंबर को इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने सीए फाइनल का जो परिणाम घोषित किया उसमें ब्यावर निवासी विश्रृत झंवर भी सफल हुए। छात्र विश्रृत और उनके दादा ओम मुनि की कहानी भी प्रेरणादायक है। विश्रृत के जीवन में तब अंधेरा छा गया जब कुछ वर्ष पहले उनके पिता विश्व  कीर्ति झंवर का एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। तब बूढ़े दादा ओम मुनि ने पुत्र के परिवार की जिम्मेदारी संभाली। ओम मुनि प्रधानाध्यापक के पद से सेवानिवृत्त हैं और सरकारी पेंशन से ही पुत्र के परिवार का खर्चा वहन करते हैं। पुत्र विश्वकीर्ति का सपना था कि  उनका पुत्र सीए बने। दिवंगत पुत्र की इस इच्छा को पूरा करने में ओम मुनि ने कोई कसर नहीं छोड़ी। पेंशन की अधिकांश राशि अपने पौत्र की पढ़ाई पर खर्च की। संघर्ष के दिनों में भी ओम मुनि ने ब्यावर में समाज सेवा का काम भी जारी रखा। आर्य समाज विचारों के होने के कारण ओम मुनि प्रतिदिन घर में हवन भी करते रहे। बुजुर्ग अवस्था में भी उन्होंने पौत्र विश्रृत को इस बात का अहसास नहीं होने दिया कि उसके पिता नहीं है। 13 सितंबर को 80 वर्ष पूरे होने पर ओम मुनि को दोहरी खुशी मिली, जब पोता विश्रृत भी सीए बन गया। विश्रृत का कहना है कि यदि दादा की हौसला अफजाई नहीं होती तो वह कभी भी सीएम नहीं बन सकता था। वहीं ओम मुनि का कहना है कि उन्होंने अपने दिवंगत पुत्र का सपना पूरा कर दिया है। विश्रृत को प्रथम प्रयास में ही सफलता मिली है। ओम मुनि के इस जज्बे को ब्यावर आर्य समाज के प्रधान आचार्य वेदप्रकाश और प्रख्यात शिक्षाविद् दिनेश शर्मा ने सलाम किया है। दोनों ने ओम मुनि के घर पहुंचकर उनका अभिनंदन किया। मोबाइल नंबर 9950999679 पर ओम मुनि की हौसला अफजाई की जा सकती है।  
S.P.MITTAL BLOGGER (14-09-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511

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