जो टीसीएस कंपनी सीबीआई के रडर पर है उस कंपनी से राजस्थान में पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा क्यों करवाई गई? भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने मुख्यमंत्री और गृह मंत्री अशोक गहलोत से सवाल पूछा? मीणा ने टीसीएस कंपनी की गड़बड़ियों के सबूत दिए। जुलाई में होने वाली रीट परीक्षा में गड़बड़ी की आशंका जताई।

राजस्थान में 4 हजार 500 पुलिस कांस्टेबल की भर्ती के लिए सरकार ने टीसीएस कंपनी को अधिकृत किया है। इस कंपनी के पास परीक्षा केंद्र तय करने से लेकर परीक्षा परिणाम घोषित करने तक की जिम्मेदारी है। हालांकि 16 मई तक चली परीक्षा अब संपन्न हो गई है, लेकिन 14 मई को दूसरी पारी में हुई परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हो जाने के कारण इस तारीख की परीक्षा को रद्द करना पड़ा है। परीक्षा के लिए 19 लाख युवाओं ने आवेदन किया था। अब भाजपा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने परीक्षा लेने वाली टीसीएम कंपनी पर गड़बड़ी करने के आरोप लगाए हैं। गड़बडिय़ों के सबूत के साथ मीणा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री व गृहमंत्री अशोक गहलोत से पूछा है कि जो कंपनी गड़बडिय़ों के लिए कुख्यात है उससे राजस्थान में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा क्यों करवाई गई। मीणा ने बताया कि राजस्थान में टीसीएस के हेड कोटा के भूनेश भार्गव है। भार्गव को परीक्षाओं का बड़ा खिलाड़ी माना जाता है। इसलिए उसने कांस्टेबल परीक्षा कराने के सभी अधिकार अपने पास रखे। यहां तक कि परीक्षा केंद्रों का निर्धारण भी कंपनी के द्वारा करवाया गया। यही वजह रही कि प्रदेश में बड़ी संख्या में निजी स्कूलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए। गली कूचों में चलने वाले छोटे छोटे स्कूलों में भी परीक्षा केंद्र बनाए गए। जयपुर के झोटवाड़ा के जिस दिवाकर पब्लिक स्कूल के परीक्षा केंद्र से 14 मई को द्वितीय पारी का प्रश्न पत्र लीक हुआ वह स्कूल भी निजी है। असल में प्राइवेट स्कूलों गड़बड़ी करना आसान होता है। राजस्थान पुलिस के पास भारी लवाजमा होते हुए भी कंपनी ने निजी क्षेत्र के लोगों से परीक्षा कार्य करवाया। मीणा ने कहा कि अभी सिर्फ एक पारी की परीक्षा रद्द की गई, लेकिन यदि विस्तृत जांच करवाई जाए तो संपूर्ण परीक्षा को ही रद्द करना पड़ेगा। मीणा ने बताया कि टीसीएस कंपनी ने ही गत वर्ष दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा करवाई थी। इस परीक्षा का एक सेंटर भूनेश भार्गव ने अपने गृह शहर कोटा में बनवाया। कोटा के ओम कोठारी कॉलेज में 556 परीक्षार्थियों ने दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल पद की परीक्षा दी। परिणाम में इस सेंटर के 226 परीक्षार्थी चयनित हुए। इस पर दिल्ली पुलिस को संदेह हुआ और अब पुलिस ने कोटा के इस परीक्षा केंद्र के संपूर्ण परिणाम को ही रद्द कर दिया है। इतना ही नहीं टीसीएस कंपनी की जांच सीबीआई से भी कराने का निर्णय लिया है। कोटा के इसी केंद्र पर राजस्थान पुलिस कांस्टेबल परीक्षा करवाई गई। मीणा ने बताया कि आरपीएससी और राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने भी कोटा के इसी कॉलेज को ब्लैक लिस्ट कर रखा है। पूर्व में टीसीएस से ही राजस्थान जेल प्रहरी परीक्षा भी करवाई गई थी, लेकिन इस परीक्षा को भी रद्द करना पड़ा। सरस डेयरी द्वारा आयोजित परीक्षा में भी टीसीएस की गड़बडिय़ा सामने आई है। मीणा ने इसके अलावा भी टीसीएस की गड़बडिय़ों की जानकारी दी। मीणा ने कहा कि सरकार की कमजोरी के कारण राजस्थान में पेपर लीक करने वाले गिरोह के हौंसले बुलंद है। इसलिए हर परीक्षा में गड़बड़ी होती है। रीट परीक्षा भी इसका उदाहरण है। चूंकि पेपर लीक करने वालों को राजनीतिक संरक्षण भी है, इसलिए हर बार परीक्षा रद्द करनी पड़ती है। रीट के प्रश्न पत्र तो 10 लाख रुपए तक में बिके हैं। खुद राजस्थान पुलिस ने अपनी जांच में माना कि रीट में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है। मीणा ने आशंका जताई कि आगामी जुलाई माह में होने वाली रीट परीक्षा के प्रश्न पत्र भी लीक हो सकते हैं। मीणा ने कहा कि जब राजस्थान में सरकारी चयन बोर्ड और आयोग है तब निजी कंपनियों से परीक्षाएं क्यों करवाई जाती है। उन्होंने कहा कि पुलिस कांस्टेबल परीक्षा में हुई गड़बडिय़ों के लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जिम्मेदार है। गहलोत के पास ही गृह विभाग है। गहलोत को अब यह बताना चाहिए कि जो टीसीएस कंपनी सीबीआई के रडार पर है उससे कांस्टेबल भर्ती परीक्षा क्यों करवाई गई। 

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