आखिर तेज दौड़ती कोरोमंडल ट्रेन बेपटरी कैसे हुई? ट्रिपल ट्रेन एक्सीडेंट में 300 यात्रियों की मौत का जिम्मेदार कौन?
उड़ीसा के बालासोर जिले के बहानागा रेलवे स्टेशन के निकट 2 जून की शाम को ट्रिपल ट्रेन एक्सीडेंट हुआ, उसमें अब तक करीब 300 यात्रियों की मृत्यु हो चुकी है। कोई पांच सौ से भी ज्यादा यात्री जख्मी हालात में अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं। ऐसे में मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। सवाल उठता है कि इन 300 यात्रियों की मौत का जिम्मेदार कौन होगा? यह सवाल तब और महत्वपूर्ण हो जाता है, जब ट्रेनों की टक्कर आमने सामने से नहीं हुई है। जानकारी के मुताबिक कोरोमंडल और यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन 2 जून की शाम को अपने अपने ट्रैक पर हावड़ा की ओर जा रही थी कि तभी कोरोमंडल ट्रेन के कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए। ऐसा कई बार होता है, जब दो ट्रेनें एक साथ अलग अलग पटरियों पर दौड़ती है। लेकिन इससे कभी हादसा नहीं होता है। कई बार ट्रेन अपने अपने ट्रैक पर आमने सामने से गुजरती है। ट्रेन में बैठे यात्रियों को तब एक झटका सा लगता है, क्योंकि दोनों ट्रेन तेज गति से दौड़ रही होती है। 2 जून को कोरोमंडल और यशवंतपुर एक्सप्रेस दौड़ रही थी, तब किसी भी यात्री को हादसे की आशंका नहीं थी। लेकिन जब कोरोमंडल के कुछ डिब्बे पटरी से उतरे तो यशवंतपुर वाली ट्रेन के ट्रैक पर चले गए, इससे हादसा भीषण हो गया। यह हादसा तब और गंभीर हुआ, जब एक मालगाड़ी के डिब्बों ने भी इन ट्रेनों के डिब्बों में चढ़ाई कर दी। कोरोमंडल और यशवंतपुर ट्रेन के डिब्बे तीसरे ट्रैक पर चले गए थे। सवाल यह भी है कि जब कोरोमंडल और यशवंतपुर का एक्सीडेंट हो गया था, तब तीसरे ट्रैक पर माल गाड़ी को आने से क्यों नहीं रोका गया? हालांकि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव 3 जून सुबह ही घटना स्थल पर पहुंच गए हैं और उन्होंने ट्रिपल ट्रेन एक्सीडेंट की उच्च स्तरीय जांच की घोषणा कर दी है। लेकिन इस हादसे पर राजनीति भी शुरू हो गई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रेल मंत्री का इस्तीफा मांग लिया है और कई राजनीतिक दल इस हादसे के लिए सीधे पीएम मोदी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। जांच के परिणाम आते रहेंगे, लेकिन यह जरूरी है कि भविष्य में दो ट्रेनों के एक साथ दौडऩे पर कोई हादसा न हो, इसकी रोकथाम भी की जानी चाहिए। जांच में इस बात का भी पता लगाना चाहिए कि कोरोमंडल ट्रेन अचानक बेपटरी कैसे हुई? क्या किसी साजिश के तहत पटरी से छेड़छाड़ की गई?
पीएम ने बैठक बुलाई:
ट्रिपल ट्रेन एक्सीडेंट की गंभीरता को देखते हुए पीएम मोदी ने हाई लेवल बैठक बुलाई है। मौके पर जो राहत कार्य चल रहे हैं उनकी निगरानी भी पीएम मोदी द्वारा की जा रही है। सरकार की पहली प्राथमिकता घायल यात्रियों की जान बचाना है। यही वजह है कि विभिन्न अस्पतालों में यात्रियों का इलाज चल रहा है। यहां यह खास तौर से उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले ही पीएम मोदी ने रेलवे में टेक्नोलॉजी को बढ़ाने की बात कही थी। मोदी का कहना रहा कि टेक्नोलॉजी बढ़ाने के लिए रेलवे ने युवा इंजीनियरों को महत्व दिया जाना चाहिए।
S.P.MITTAL BLOGGER (03-06-2023)
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