जब सचिन पायलट को विधानसभा में पांचवीं लाइन में बैठाया गया तब कांग्रेस और डोटासरा को शर्म क्यों नहीं आई?

23 जनवरी को राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि भाजपा ने विधानसभा में विधायकों के बैठने के लिए जो व्यवस्था निर्धारित की है, उसमें भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का अपमान किया गया है। राजे को पीछे की लाइन में विपक्ष और निर्दलीय विधायकों के साथ बैठने के लिए निर्देशित किया गया है। दो बार की मुख्यमंत्री के साथ ऐसा व्यवहार करने के लिए भाजपा को शर्म आनी चाहिए। डोटासरा ने यह भी कहा कि कांग्रेस अपने पूर्व मुख्यमंत्री  सम्मान करती है, इसलिए अशोक गहलोत को भी पहली लाइन में कांग्रेस विधायक दल के नेता के साथ बैठाया गया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत विधानसभा में एक विधायक के तौर पर बैठेंगे। डोटासरा के बयान का भाजपा पर कितना असर होता है यह तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा, लेकिन कांग्रेस और डोटासरा को तब शर्म क्यों नहीं आई जब अगस्त 2020 में सचिन पायलट को विधानसभा में पांचवीं लाइन में बैठने के लिए निर्देशित किया गया। सब जानते हैं कि पायलट जब अपने समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान से मुलाकात करने गए थे, तब जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पायलट से प्रदेश अध्यक्ष और डिप्टी सीएम का पद छीन लिया था। इतना ही नहीं गहलोत ने डोटासरा को प्रदेश अध्यक्ष बनाते हुए पायलट को मक्कार, निकम्मा और धोखेबाज तक कहा। तब डोटासरा ने भी पायलट की आलोचना करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष का पद छीनने के बाद पायलट जब सिर्फ विधायक की हैसियत से विधानसभा में आए तो उन्हें सत्ता पक्ष की पांचवीं लाइन में बैठाया गया। इस पर पायलट ने विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष सीपी जोशी से शिकायत की तो जोशी ने कहा कि यह व्यवस्था सरकार और कांग्रेस की और से की गई है। सवाल उठता है कि यदि डोटासरा के मन में वसुंधरा राजे के प्रति इतना ही सम्मान है तो फिर ऐसा सम्मान अपनी पार्टी के सचिन पायलट के प्रति क्यों नहीं दिखाया? वह भी तब जब 2018 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने में पायलट की महत्वपूर्ण भूमिका थी। भाजपा के शासन में सचिन पायलट ने जो संघर्ष किया उसी का परिणाम रहा कि कांग्रेस को बहुमत मिला। जिन सचिन पायलट ने कांग्रेस की सरकार बनवाई उन्हीं पायलट को विधानसभा में पांचवीं लाइन में बैठाया गया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस अपने नेताओं का कितना सम्मान करती है। 
S.P.MITTAL BLOGGER (24-01-2024)
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