करोड़ों लोग पतंजलि की दवाओं और बाबा रामदेव के योग से स्वस्थ भी है। पतंजलि और बाबा रामदेव पर कार्यवाही होती है तो देश विरोधी ताकतों को बल मिलेगा।

यूं तो भारत में योग का पुराना इतिहास रहा है, लेकिन योग के माध्यम से लोगों को स्वस्थ रखने में योग गुरु बाबा रामदेव ने पिछले बीस वर्षों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज एलोपैथी के चिकित्सक भी अपनी पर्ची में मरीज को योग करने की सलाह देते हैं। यहां तक कि डॉक्टर की पर्ची में रोग के अनुरूप योग की क्रिया तक लिखी जाती है। 130 करोड़ की आजादी वाले भारत में पचास करोड़ से भी ज्यादा लोग यह दावा कर सकते हैं कि बाबा रामदेव के सिखाए अनुसार योग करने से उनके रोग का निदान हुआ। लोगों ने अब अपनी दिनचर्या में योग को भी शामिल कर लिया है ताकि स्वस्थ बने रहे। बाबा रामदेव देश के पहले ऐसे योग शिक्षक रहे जिन्होंने अपने शिविर से लोगों से प्रवेश शुल्क लिया। इसके पीछे योग के महत्व को बताया था। जब योग का चलन घर घर में जो गया, तब बाबा रामदेव ने पतंजलि संस्थान की शुरुआत कर आयुर्वेद की दवाओं की बिक्री की। जिस तरह योग लोकप्रिय हुआ उसी प्रकार पतंजलि की दवाएं भी घर घर में पहुंच गई। आज करोड़ों लोग ऐसे है जो पतंजलि की दवाएं लेकर स्वस्थ है। इसमें कोई दो राय नहीं कि बाबा रामदेव के योग और पतंजलि की दवाओं से लोगों के पुराने रोग भी ठीक हुए हैं। जहां एलोपैथी ने इलाज पर फूल स्टाप लगा दिया, वहां से आयुर्वेद का इलाज शुरू हुआ और मरीज ठीक हो गए। हो सकता है कि अतिउत्साह में बाबा रामदेव ने एलोपैथी चिकित्सा पद्धति पर सख्त टिप्पणी कर दी हो, लेकिन आयुर्वेद की दवाओं से भी कैंसर, डायबिटीज, अस्थमा जैसे रोगों का इलाज हो सकता है।  यह बाबा रामदेव ने कई बार साबित भी किया है। बाबा रामदेव के दावों पर कोई कुछ भी कहे, लेकिन करोड़ों लोग ऐसे मिल जाएंगे जिन्हें आज भी योग और पतंजलि की दवाओं पर भरोसा है। अब जब बाबा रामदेव और उनकी पतंजलि संस्थान मुसीबत में है तो उन लोगों को खुश होने का अवसर मिल गया है जिनके कारोबार हित प्रभावी हुए है। कुछ लोग बाबा रामदेव को भी कारोबारी मानते हैं, क्योंकि बाबा ने आयुर्वेद की दवाओं के अलावा जींस पेंट बेचने तक का धंधा शुरू कर दिया है। यह सही है कि जब किसी संस्थान को सफलता मिलती है तो उसके आसपास धंधेबाज लोग भी जमा हो जाते हैं। हो सकता है कि बाबा के पास जींस बेचने वाले धंधेबाज भी जमा हो गए हो, लेकिन बाबा रामदेव पर देशद्रोही होने का आरोप नहीं लग सकता। जींस बेचकर भी जो पैसा कमा रहे है उसे देश पर ही खर्च किया जा रहा है। यह सही है कि बाबा के कारोबार से बहुराष्ट्रीय कंपनियों में भी नाराजगी है। टूथपेस्ट पर जिन कंपनियों का एकाधिकार था, उन्हें पतंजलि के दंतकांति पेस्ट ने चुनौती दी। आज दंत कांति पेस्ट का घर घर उपयोग होने लगा है। कुछ लोग अब बाबा रामदेव और उनके पतंजलि संस्थान पर कार्यवाही होने का इंतजार कर रहे है, लेकिन ऐसे लोगों को यह समझना चाहिए कि बाबा रामदेव की वजह से ही करोड़ो लोग आज निरोगी बने हुए हैं। बाबा ने स्वदेशी का जो अभियान चलाया है, उसे हमेशा मजबूत बना रहना चाहिए। बाबा ने अपने स्वाभिमान ट्रस्ट के माध्यम से देश भक्ति की जो ललक जगाई है उसे भी बना रहना चाहिए। देश में आज ऐसे अनेक लोग है जो सब कुछ प्राप्त करने के बाद भी भारत को अपना देश नहीं समझते। कम से कम बाबा रामदेव ने तो ऐसा अपराध नहीं किया है। बाबा ने हमेशा देशहित को सर्वोपरि रखा है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (11-04-2024)
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