तो बांग्लादेश में तख्तापलट छात्र आंदोलन अमेरिका के इशारे पर हुआ? शेख हसीना के ताजा बयान से दुनिया की मुस्लिम राजनीति प्रभावित होगी। क्योंकि अमेरिका तो इजरायल का मददगार है।

भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश से जान बचाकर निकली प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा है कि अमेरिका चाहता था कि बांग्लादेश का सेंट मार्टिन द्वीप सैन्य एयरबेस के लिए दे दिया जाए, लेकिन उन्होंने बांग्लादेश की सुरक्षा का ख्याल रखते हुए अमेरिका को यह द्वीप नहीं दिया, इससे अमेरिका नाराज हो गया और उसने बांग्लादेश में छात्रों को मेरी सरकार के खिलाफ भड़काया। अमेरिका के इशारे पर ही जो छात्र आंदोलन हुआ उसी की वजह से मुझे अपना देश छोड़ना पड़ा है। यदि मैं मार्टिन द्वीप अमेरिका को दे देती तो आज भी प्रधानमंत्री बनी रहती। शेख हसीना के इस बयान से जाहिर है कि मुस्लिम देश बांग्लादेश में जो तख्तापलट हुआ इसमें अमेरिका का हाथ हे। यदि शेख हसीना का बयान सही है तो फिर आने वाले दिनों में दुनिया की मुस्लिम राजनीति प्रभावित होगी। सब जानते हैं कि मध्यपूर्व में मुस्लिम देशों के विरोधी इजरायल को अमेरिका का खुला समर्थन है। इजरायल के विरुद्ध कट्टरपंथी संगठन हमास को मध्य पूर्व के अधिकांश मुस्लिम देश समर्थन दे रहे हैं। मुस्लिम देशों की इतना एकजुटता के बाद भी इजरायल गाजा में हमास के ठिकानों पर लगातार हमले कर रहा है। 10 अगस्त के हमले में ही 100 से ज्यादा व्यक्तियों की मौत हो गई है। इतना ही नहीं हमास के चीफ इस्माइल हानिया को इजरायल ने ईरान में घुसकर मौत के घाट उतारा है। सवाल उठता है कि इजरायल यह सब इसलिए करवा रहा है कि उसके पीछे अमेरिका खड़ा है। हानिया की मौत के बाद अब ईरान ने इजरायल पर हमले की धमकी दी तो अमेरिका ने ही मध्यपूर्व में इजरायल को सुरक्षा कवच उपलब्ध कराया। अमेरिका के जंगी जहाज देखकर ही ईरान जैसा मुस्लिम देश नियंत्रित हुआ है। यदि अमेरिका के जंगी जहाज नहीं पहुंचते तो ईरान, इजरायल पर मिसाइल हमले कर देता। सवाल उठता है कि जो अमेरिका मध्य पूर्व में मुस्लिम देशों के दुश्मन इजरायल को मदद कर रहा है, उस अमेरिका ने एशिया में मुस्लिम देश बांग्लादेश में शेख हसीना को सत्ता से बाहर कैसे कर दिया? क्या बांग्लादेश के प्रदर्शनकारी छात्रों को अमेरिका की मदद मिली? यदि अमेरिका, बांग्लादेश में छात्र आंदोलन खड़ा कर सकता है तो फिर मध्य पूर्व में मुस्लिम देशों की राजनीति का अंदाजा लगाया जा सकता है। यहां यह खासतौर से उल्लेखनीय है कि शेख हसीना भारत की समर्थक थी, जबकि छात्र आंदोलन के पीछे बांग्लादेश की जमात-ए-इस्लामी पार्टी खड़ी है और जमात-ए-इस्लामी के नेता हमेशा भारत विरोधी रहे है। कहा जा सकता है कि बांग्लादेश का सत्ता परिवर्तन भारत के लिए अच्छा नहीं है। पाकिस्तान और चीन के साथ भारत के संबंध पहले से ही खराब थे और अब बांग्लादेश में भी भारत विरोधी पार्टियां सत्ता में आ रही है ।

S.P.MITTAL BLOGGER (12-08-2024)
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