निम्बार्क पीठ के आचार्य श्याम शरण महाराज को राजनीति में घसीटना उचित नहीं।

निम्बार्क पीठ के आचार्य श्याम शरण महाराज को राजनीति में घसीटना उचित नहीं। अब यदि कांग्रेस सरकार का प्रशासन पुष्कर मेले में आमंत्रित नहीं करता है तो भाजपा नेताओं की मांग का क्या होगा?

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अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुष्कर मेला 7 नवम्बर से शुरू होगा। हिन्दू तिथि के अनुसार कार्तिक माह की एकादशी से पूर्णिमा तक पांच दिवसीय धार्मिक मेले का आयोजन होगा। मान्यता है कि पांच दिनों में पवित्र पुष्कर सरोवर में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं तथा पुण्य की प्राप्ति होती है। इसी मान्यता के चलते देश भर के श्रद्धालु पवित्र सरोवर में स्नान के लिए अजमेर के निकट पुष्कर तीर्थ में आते हैं। चूंकि पुष्कर मेला राजस्थान की रंग बिरंगी संस्कृति से रंगा होता है, इसलिए बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भी आते हैं। यही वजह है कि पुष्कर मेले ने अब अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप ले लिया हैं। मेले के धार्मिक महत्व और देशी विदेशी पर्यटकों की उपस्थिति को ध्यान में ही रखते हुए पुष्कर के भाजपा के विधायक सुरेश सिंह रावत, पालिकाध्यक्ष कमल पाठक, भाजपा मंडल अध्यक्ष पुष्कर नारायण पाराशर ने अजमेर के जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा को एक पत्र लिखकर निम्बार्क पीठ के आचार्य श्याम शरण महाराज को पुष्कर मेले में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित करने की मांग की है। नि:संदेह सनातन धर्मावलंबियों में किशनगढ़ के निकट स्थित निम्बार्क पीठ का बहुत महत्व हैं। ऐसे में यदि पीठ के आचार्य श्याम शरण महाराज आते हैं तो पुष्कर मेले की शोभा ही बढ़ेगी, लेकिन सवाल उठता है कि कांग्रेस सरकार का प्रशासन पुष्कर मेले में निम्बार्क पीठ के आचार्य को बुला पाएगा? सब जानते हैं कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ  के प्रमुख मोहन भागवत ने विगत दिनों पुष्कर प्रवास में श्याम शरण महाराज से लम्बी मंत्रणा की थी। हाल ही में नागपुर स्थित संघ के मुख्यालय में आयोजित दशहरा महोत्सव में भी श्याम शरण महाराज ने अतिथि के तौर पर उपस्थिति दर्ज करवाई। श्याम शरण महाराज सनातन धर्म के संदेशवाहक हैं और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण जैसे मुद्दों पर संघ के साथ खड़े हैं। श्याम शरण महाराज की ऐसी भूमिका के बारे में जानते हुए भी भाजपा नेताओं ने कांग्रेस सरकार के प्रशासन से उन्हें मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित करने की मांग है। यह भी सब जानते हैं कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने भाषाणों में आरएसएस को कोसने से नहीं चूकते हैं। आए दिन आरएसएस को देश विरोधी बताते हैं। आरएसएस राजनीतिक हमला करना गहलोत की आदत में है। ऐसे सवाल उठते हैं कि यदि अजमेर प्रशासन ने श्याम शरण महाराज को पुष्कर मेले में मुख्य अतिथि के तौर पर नहीं बुलाया तो भाजपा नेताओं की मांग का क्या होगा? जिस आचार्य पीठ के प्रति करोड़ों देशवासियों की श्रद्धा हैं उसे दलगत राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए।
एस.पी.मित्तल) (20-10-19)
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