रेजीडेंट डॉक्टर्स सरकार को सख्ती के लिए मजबूर नहीं करें।

रेजीडेंट डॉक्टर्स सरकार को सख्ती के लिए मजबूर नहीं करें।
प्रदेशव्यापी हड़ताल पर राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा की दो टूक।
सरकार वायदों पर अमल नहीं करती-हड़ताली डॉक्टर्स। 

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3 दिसम्बर से राजस्थान के तीन हजार रेजीडेंट डॉक्टर्स बेमियादी हड़ताल पर चले गए है। रेजीडेंट की हड़ताल से प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों के हालात तेजी से बिगडऩे लगे हैं। हालांकि तीन दिसम्बर को हड़ताल शुरू होने के साथ ही डॉक्टर्स के एक प्रतिनिधि मंडल ने चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा से वार्ता की थी, लेकिन यह वार्ता बेनतीजा रही। हड़ताली डॉक्टरों का कहना है कि सरकार अपने वायदों पर अमल नहीं करती है जिसकी वजह से रेजीडेंट डॉक्टरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हम पिछले 15 दिनों से अपनी मांगों को लेकर सरकार के समक्ष गिड़गिड़ा रहे हैं। लेकिन सरकार हमारी ओर ध्यान नहीं दे रही है। रेजीडेंट डॉक्टरों को छात्रावास की सुविधा मिलनी चाहिए, लेकिन अधिकांश अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में छात्रावास की सुविधा नहीं है, जिसकी वजह से डॉक्टरों को महंगे किराये के मकानों में रहना पड़ रहा है। सरकार हाउसरेंट  नहीं दे रही है। हाउसरेंट की मांग लम्बे समय से की जा रही है। सरकार ने फीस में पचास हजार रुपए तक की वृद्धि कर दी है सरकार से बारबार आग्रह किया गया है कि इस वृद्धि को वापस लिया जाए। लेकिन सरकार सिर्फ वायदा करती है। अस्पतालों में सुरक्षा की मांग भी लगातार की जा रही है, लेकिन इस ओर भी सरकार कोई ध्यान नहीं देती है। रेजीडेंट डॉक्टर्स ने मजबूरी में हड़ताल का सहारा लिया है। हमें पता है कि मरीजों को परेशानी होगी, लेकिन हम भी अब मजबूर हैं। रेजीडेंट डॉक्टर्स पर पहले ही काम का दबाव है। यदि सरकार सुविधा नहीं देगी तो डॉक्टर अपना काम नहीं कर पाएंगे।
सख्ती के लिए मजबूर न करें:
वहीं प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा है कि रेजीडेंट डॉक्टर्स को हठधर्मिता का रुख छोड़कर हड़ताल समाप्त कर देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में अपनी मांगों के लिए आंदोलन करना चाहिए, लेकिन यह भी ध्यान रखा जाए कि इस आंदोलन से किसी को परेशानी नहीं हो। रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से प्रदेश के लाखों मरीजों को परेशानी हो रही है। चिकित्सा सुविधाओं को बरकरार रखना सरकार के लिए जरूरी है। सरकार को सख्ती के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि रेजीडेंट डॉक्टरों की मांगों पर सरकार सहमत है, इसके लिए लिखित में देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि हड़ताली डॉक्टरों से वार्ता करने की जिम्मेदारी चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया को दी है। रघु शर्मा ने उम्मीद जताई कि जल्द ही डॉक्टरों की हड़ताल समाप्त हो जाएगी।
एस.पी.मित्तल) (03-12-19)
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