हंगामे की आशंका को देखते हुए माहेश्वरी सेवा सदन पुष्कर की साधारण सभा रद्द। अध्यक्ष राम कुमार भूतड़ा ने अप्रैल में चुनाव करवाने की घोषणा की। 15 दिसंबर के बाद भूतड़ा को अध्यक्ष पद पर रहने का संवैधानिक अधिकार नहीं। एडहॉक कमेटी की मांग।

देश के 32 हजार सदस्यों वाली संस्था अखिल भारतीय माहेश्वरी सेवा सदन पुष्कर की 16 नवंबर को होने वाली साधारण सभा अचानक रद्द कर दी गई है। माना जा रहा है कि साधारण सभा में हंगामे की आशंका को देखते हुए रद्द करने का निर्णय लिया गया। 16 नवंबर को साधारण सभा के लिए जो एजेंडा जारी किया गया था, उस में कहा गया कि संस्था के आय-व्यय, विकास कार्यों और चुनाव को लेकर विचार विमर्श किया जाएगा। इस एजेंडे के बाद से ही संस्था के पदाधिकारियों और सदस्यों में माहौल गर्म हो गया। आरोप लगाया गया कि संस्था के अध्यक्ष रामकुमार भूतड़ा अपने पद से चिपके रहना चाहते हैं, इसलिए साधारण सभा बुलाकर कार्यकाल बढ़ाना चाहते हैं। 16 नवंबर की सभा से पहले ही मंत्री सोहनलाल मूंदड़ा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही वरिष्ठ उपाध्यक्ष कैलाश सोनी, प्रहलाद शाह, मंत्री मुरलीधर झंवर, किशन गोपाल बंग, संजय जैथलिया, भगवान बंग, भागीरथ भूतड़ा आदि ने संस्था के मार्गदर्शक मंडल से आग्रह किया कि साधारण सभा बुलाने के बजाए अध्यक्ष रामकुमार भूतड़ा को चुनाव की घोषणा करनी चाहिए। मौजूदा कार्यकारिणी का कार्यकाल 15 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। संस्था के संविधान के मुताबिक कार्यकाल समाप्त होने से दो माह पहले चुनाव की घोषणा और निर्वाचन अधिकारी की नियुक्ति हो जानी चाहिए। यानी 15 अक्टूबर 2025 को चुनाव की घोषणा होनी चाहिए थी। 16 नवंबर की साधारण सभा को लेकर संस्था के पदाधिकारियों और सदस्यों में जो गुस्सा देखने को मिला उसी वजह से अध्यक्ष भूतड़ा ने सभा को रद्द कर दिया। इसकी एवज में 12 नवंबर को वर्चुअल बैठक करने का दावा किया गया। भूतड़ा ने दावा किया कि वर्चुअल बैठक में 74 सदस्य वीसी के जरिए जुड़े। इसी बेठक में निर्णय लिया गया कि चुनाव अप्रैल माह में करवाए जाएंगे। भूतड़ा ने कहा कि मौजूदा कार्यकारिणी का कार्यकाल एक वर्ष के लिए गत 31 अगस्त की साधारण सभा में ही बढ़ गया था। इसलिए 16 नवंबर वाली सभा में कार्यकाल बढ़ाने का कोई मुद्दा नहीं था। भूतड़ा ने दावा किया कि 12 नवंबर की वर्चुअल बैठक में संस्था के महामंत्री रमेशचंद्र छापरवाल भी उपस्थित रहे। 

एडहॉक कमेटी की मांग:
वहीं समय पर चुनाव करवाने के लिए बनी संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा है कि 15 दिसंबर के बाद राम कुमार भूतड़ा को अध्यक्ष पद पर रहने का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है। जब तक चुनाव न हो तब तक एडहॉक कमेटी बनाई जाए। सदस्यों ने सवाल उठाया है कि कार्यकाल समाप्त हो जाने के बाद भूतड़ा अध्यक्ष पद पर क्यों बने रहना चाहते हैं? संस्था के चुनाव चार वर्ष में एक बार होते हैं और भूतड़ा पूर्व में भी दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं। भूतड़ा में थोड़ी सी भी नैतिकता है तो उन्हें 15 दिसंबर को पद त्याग कर एडहॉक कमेटी बना देनी चाहिए। एडकॉक कमेटी के सदस्यों का निर्णय संस्था का मार्गदर्शक मंडल लेगा। नाराज सदस्यों ने कहा कि अब भूतड़ा मार्गदर्शक मंडल के सदस्यों की भावनाओं का भी ख्याल नहीं कर रहे हैं। जबकि 15 दिसंबर के बाद संस्था में मार्गदर्शक मंडल की भूमिका प्रभावी हो जाएगी। जहां तक कि 31 अगस्त की साधारण सभा में कार्यकाल बढ़ाने का मामला है तो भूतड़ा में गुड़ फोडऩे वाली कहावत चरितार्थ की है। अधिकांश सदस्य और पदाधिकारी नहीं चाहते कि मौजूदा कार्यकारिणी का कार्यकाल बढ़े। 

S.P.MITTAL BLOGGER (13-11-2025)
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