सीएम वसुंधरा राजे, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पुष्कर सरोवर के जल का आचमन करवावें। पीएम 6 अक्टूबर को आएंगे।
======
पुष्कर तीर्थ के सामाजिक कार्यकर्ता अरुण पाराशर ने राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे से आग्रह किया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 6 अक्टूबर को जब पुष्कर आए तो उन्हें पवित्र सरोवर के जल का आचमन जरूर करवाया जाए। मान्यता है कि सरोवर के जल के आचमन से ही पुण्य की प्राप्ति होती है। चूंकि सीएम राजे धार्मिक विचारों वाली महिला हैं, इसलिए वे प्रधानमंत्री को सरोवर की पूजा अर्चना के लिए जरूर लाएंगी। यदि पीएम पूजा अर्चना करते हैं तो उनके सामने पुष्कर सरोवर की दुर्दशा भी उजागर हो जाएगी और हो सकता है कि गंगा सफाई अभियान की तरह पुष्कर सरोवर को बचाए रखने के लिए भी प्रधानमंत्री कोई घोषणा कर दे। पुष्कर को तीर्थों का गुरु माना जाता है। इसलिए देश के किसी भी धार्मिक स्थल से ज्यादा महत्व पुष्कर का है। ऐसा नहीं हो सकता है कि इतने बड़े तीर्थ स्थल पर आने के बाद भी प्रधानमंत्री कोई घोषणा न करें। इस संबंध में पाराशर ने एक पत्र सीधे प्रधानमंत्री को भी लिखा है। इस पत्र में बताया है कि पूर्व में पुष्कर की दुर्दशा को लेकर जो पत्र लिखा था, उसे प्रधानमंत्री कार्यालय ने संबंधित विभागों को भेजा है। ऐसे में जब पीएम स्वयं पुष्कर आ रहे हैं तो उन्हें पुष्कर दुर्दशा से भी अवगत होना चाहिए। पत्र में प्रधानमंत्री को बताया गया है कि रख रखाव के अभाव में सरोवर की दुर्दशा हो रही है। सरोवर में तो नाम मात्र का पानी बचा है। प्रशासन ने सरोवर के किनारे जो 19 कुंड बनाए, उनमें से मात्र तीन कुंडों में ही पानी है। इन कुंडों का पानी भी बदबू दार बना हुआ है। जबकि प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु सरोवर में स्नान करने के लिए आते हैं। पुष्कर सरोवर की दुर्दशा लम्बे समय से हो रही है। लेकिन आज तक भी कोई ठोस योजना नहीं बन पाई है। पाराशर ने पीएम मोदी से आग्रह किया है कि वे पुष्कर दौरे के दौरान सरोवर के घाटों पर जरूर आए ताकि अपनी आंखों से दुर्दशा को देख सके। पुष्कर की दुर्दशा के संबंध में मोबाइल 9314261954 पर पाराशर से ली जा सकती है।
सरोवर में जाता है सीवरेज का पानीः
इसे धार्मिक आस्था के साथ खिलावाड़ ही कहा जाएगा कि पवित्र सरोवर में बरसात के दिनों में सीवरेज का पानी भी समां जाता है। तकनीकी दृष्टि से दोषपूर्ण बनी सीवरेज योजना की वजह से बरसात के दिनों में सीवरेज लाइन ओवर फ्लो हो जाती है और बहते पानी के साथ ही सीवरेज का पानी भी सरोवर में चला जाता है। इस संबंध में कई बार सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया है, लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।