क्या इस बार अजमेर में सचिन पायलट के नाम पर गुर्जरों के वोट कांग्रेस को मिल पाएंगे?

क्या इस बार अजमेर में सचिन पायलट के नाम पर गुर्जरों के वोट कांग्रेस को मिल पाएंगे? झुनझुनवाला की जीत का दारोमदार इन्हीं वोटों पर।
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अजमेर संसदीय क्षेत्र में 29 अप्रैल को प्रात: सात बजे से मतदान शुरू हो जाएगा। इसमें कोई दो राय नहीं कि बाहरी होने के बाद भी कांग्रेस के प्रत्याशी रिजु झुनझुनवाला ने जोरदार रणनीति बनाकर चुनाव को संघर्षपूर्ण कर दिया। लेकिन अहम सवाल यह है कि क्या विधानसभा चुनाव की तरह गुर्जर वोट लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को मिल पाएंगे। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने अजमेर से दो बार लोकसभा का चुनाव लड़ा है। इसलिए गुर्जर मतदाताओं पर उनकी खास पकड़ है। विधानसभा के चुनाव में यह माना जा रहा था कि पायलट ही मुख्यमंत्री होंगे, इसलिए गुर्जर समुदाय ने अजमेर में जमकर कांग्रेस के समर्थन में वोट दिए। लेकिन बहुमत मिलने के बाद भी पायलट मुख्यमंत्री नहीं बन सके ऐसे में गुर्जर मतदाताओं में निराशा देखी गई। हालांकि समाज के प्रतिनिधि अब भी यह दावा करते हैं कि गुर्जर समुदाय के वोट कांगे्रस को मिलेंगे, लेकिन इस बीच अजमेर के गुर्जर मतदाताओं को प्र्रभावित करने के लिए भाजपा ने कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला को गुर्जर बाहुल्य गांव में घुमाया है। कर्नल बैंसला और उनके पुत्र विजय बैंसला ने अनेक गांवों का दौरा कर भरोसा दिलाया कि गुर्जर समुदाय का विकास भाजपा ही करवा सकती है। हालांकि कर्नल बैंसला को भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चेहरा ही सामने रखने की जरुरत पड़ी। अजमेर संसदीय क्षेत्र में जो जातीय गणित है उसमें गुर्जर मतदाताओं की निर्णायक भूमिका है। 23 मई को परिणाम वाले दिन ही पता चलेगा कि गुर्जर समुदाय पर अब सचिन पायलट का कितना असर है।
रघु की प्रतिष्ठा भी दाव पर:
अजमेर में प्रदेश पर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा की प्रतिष्ठा भी दाव पर है। रिजु झुनझुनवाला को कांग्रेस का प्रत्याशी बनवाने में पायलट के साथ साथ रघु शर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यदि झुनझुनवाला चुनाव नहीं जीत पाते हैं तो इसका असर पायलट के साथ साथ रघु शर्मा के राजनीतिक भविष्य पर भी पड़ेगा। भाजपा का प्रयास है कि रघु शर्मा के निर्वाचन क्षेत्र केकड़ी से भी बढ़त हासिल की जाए। हालांकि केकड़ी में रघु ने काफी मेहनत की है। लेकिन चिकित्सा मंत्री बनने के बाद रघु का जो व्यवहार सामने आया है उससे केकड़ी ही नहीं बल्कि अजमेर जिले में भी नाराजगी बढ़ी है। रघु ने जनवरी 2018 में लोकसभा का उपचुनाव जीता था, लेकिन तीन माह पहले हुए विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस को आठ विधानसभा क्षेत्रों में से मात्र दो में ही जीत मिल सकी।
एस.पी.मित्तल) (28-04-19)
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