अजमेर के गुटखा कारोबारी फर्म के.टी.एंटरप्राइजेज पर आयकर की बड़ी पड़ताल। नोटबंदी के बाद पहली बड़ी कार्यवाही।

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24 दिसम्बर को भी आयकर विभाग की टीम ने अजमेर में कवंडसपुरा स्थित केटी एंटरप्राइजेज पर जांच पड़ताल का काम किया। यह जांच 23 दिसम्बर से जारी है। नोटबंदी की घोषणा के बाद अजमेर में यह आयकर विभाग की पहली कार्यवाही है। इससे उन व्यापारियों में हड़कंप मच गया है, जिन्होंने 8 नवम्बर के बाद लाखों रुपए अपने बैंक खातों में जमा करवाया हैं। आयकर विभाग के सूत्रों के अनुसार केटी एंटरप्राइजेज के कल्लू भाई और थावर दास की ओर से बैंक में एक करोड़ रुपए से भी ज्यादा की रकम जमा करवाई है। विभाग के अधिकारी अब यह जानना चाहते हैं कि आखिर इतनी बड़ी रकम कहां से आई। सूत्रों के अनुसार दो दिन की जांच में फर्म की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। आवश्यकता होने पर विभाग फर्म के बैंक खाते सीज कर सकता है। मालूम हो कि 8 नवम्बर को पीएम ने यह भी घोषणा की थी कि व्यापारी वर्ग अपने बही खातों के अनुरूप 1000 और 500 के नोट बैंक में जमा करवा सकते हैं। लेकिन आयकर विभाग को यह देखने में आया कि व्यापारियों ने एक माह बाद अपने बैंक खातों में पुराने नोट जमा करवाए। विलम्ब को भी आयकर अधिकारी संदेह की दृष्टि से देख रहे हैं।
मिराज, विमल आदि का है कारोबार:
आयकर विभाग ने जिस केटी एंटरप्राइजेज पर जांच का काम किया है, उस फर्म के पास मिराज, विमल जैसे नामी गुटखे की एजेंसी है। चूंकि मिराज और विमल गुटखे की मांग बहुत ज्यादा है,इसलिए आयकर अधिकारी इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि बिक्री और खरीद में कितना अंतर है। फर्म के कारोबार के साथ-साथ सम्पत्तियों का भी आंकलन किया जा रहा है।
(एस.पी.मित्तल) (24-12-16)
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