शिव और शक्ति का प्रतीक शैव दर्शन भी कश्मीर में आतंक की भेंट चढ़ गया।

शिव और शक्ति का प्रतीक शैव दर्शन भी कश्मीर में आतंक की भेंट चढ़ गया। अजमेर में संस्कार भारती के शिविर में शैव दर्शन के चित्र बना रहे हैं डॉ. अभिनव कमल रैना।

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आतंक की वजह से साढ़े चार लाख हिन्दुओं को कश्मीर ही नहीं छोड़ना पड़ा बल्कि हमारी सनातन संस्कृति से जुड़े दर्शन और साहित्य का भी भारी नुकसान हुआ है। हिमालय की गोद में बसे होने की वजह से कश्मीर में शुरू से ही शिव और शक्ति की मान्यता रही है। इसी वजह से 11वीं शताब्दी के ऋषि अभिनव गुप्ता ने शैव दर्शन पर तांत्रिक लोक और सौन्दर्य लहरी ग्रंथ लिखा। इस शैव दर्शन में यह माना गया कि मनुष्य के भक्ति अथवा प्रार्थना करने से ही ईश्वर की प्राप्ति नहीं होती, बल्कि कई अध्यात्म से जुड़े व्यक्तियों को भी ईश्वर आसमान से उतर कर आशीर्वाद देता है। यानि इस दर्शन में ईश्वर को मनुष्य के बराबर माना गया है। अफसोस की ऐसा दर्शन भी कश्मीर में आतंक की भेंट चढ़ गया। मुझे यह सब कुछ जानने और समझने का अवसर अजमेर के सावित्री स्कूल में चल रहे संस्कार भारती के चित्रकला शिविर में मिला। देश के सुविख्यात चित्रकार राम जैसवाल तो प्रतिभागियों को चित्रकारी सीखा ही रहे थे। शिविर में केकड़ी के राजकीय महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. अभिनव कमल रैना को भी चित्र बनाते देखा गया। रंग जो चित्र बना रहे थे उसके बारे में जानकारी ली तो पता चला कि यही शैव दर्शन है। रैना भी उन कश्मीरी परिवारों में शामिल हैं, जिन्हें आतंकवादियों ने पीट पीट कर भगा दिया। रैना को अफसोस है कि शैव दर्शन वाले आश्रम भी अब कश्मीर में खंडहर हो रहे है। अपने दुःखों और गमों को कम करने के लिए ही डॉ. रैना शैव दर्शन के चित्र बना रहे हैं, बल्कि आम कश्मीरियों की जीवन पद्धति है। मेरा प्रयास है कि अब कश्मीर से बाहर के लोग भी शैव दर्शन के बारे में जाने। कोई भी प्रार्थना सिर्फ शिव की अराधना से पूरी नहीं होती, हमें शिव के साथ शक्ति की भी पूजा करनी चाहिए। शैव दर्शन के बारे में मोबाइल नम्बर 9351329052 पर डॉ. रैना से और अधिक जानकारी ली जा सकती है।
सार्थक रहा शिविरः
संस्कार भारती के क्षेत्र प्रमुख सुरेश बबलानी ने बताया कि इस सामाजिक सरोकारों से जुड़े कार्यों में संस्था की ओर से नाट्य प्रशिक्षण, चित्रकला और रंगोली प्रशिक्षण शिविर लगाए गए हैं। नाट्य प्रशिक्षण शिविर भी अजमेर के सावित्री स्कूल में ही लग रहा है। सुविख्यात नाटयकार संदीप लेले एवं अन्य अनुभवी प्रशिक्षक दे रहे हैं यह शिविर आगामी 7 जून तक चलेगा। इसी प्रकार चित्रकला के शिविर में भी राम जैसवाल के साथ डॉ. तिलक राज, डॉ. अर्चना, सचिव खाखलंकर, उमेश शर्मा आदि सेवाएं दे रहे हैं। यह शिविर 22 मई तक चलेगा। संस्कार भारती की अजमेर इकाई के महामंत्री महेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि शिविर के प्रतिभाओं में भारी उत्साह है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के महानगर संघ चालक सुनील दत्त जैन ने भी संस्कार भारती के प्रयासों की सराहना की है। शिविर के बारे में मोेबाइल नम्बर 9414314572 पर बबलानी तथा 8560817055 पर चौहान से जानकारी ली जा सकती है।

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