भाजपा विधायकों को दूर रख कर अजमेर में संगठन महासचिव चन्द्रशेखर ने नेताओं से फीडबैक लिया।

भाजपा विधायकों को दूर रख कर अजमेर में संगठन महासचिव चन्द्रशेखर ने नेताओं से फीडबैक लिया। फीडबैक देने वाले अधिकांश नेता खुद टिकटार्थी हैं।
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4 नवम्बर को अजमेर में जयपुर रोड स्थित होटल केसी इन में अजमेर जिले की आठ सीटों पर भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर ने फीडबैक लिया। इस फीडबैक से भाजपा के मौजूदा विधायकों को दूर रखा गया। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष पूर्व विधायक और मेयर व एडीए अध्यक्ष को ही बुलाया गया। राजस्थान भाजपा में चन्द्रशेखर ही सबसे ताकतवर नेता है, इसलिए अजमेर के फीडबैक की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। अजमेर के उम्मीदवारों का मामला इसलिए भी गंभीर है कि जनवरी के लोकसभा उपचुनाव में भाजपा को सभी 8 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। फीडबैक में शहर अध्यक्ष अरविंद यादव और देहात अध्यक्ष बीपी सारस्वत भी शामिल रहे। हालांकि फीडबैक के सभी दौर पूरे हो गए थे, लेकिन गत दिनों भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह ने दोबारा से फीडबैक के निर्देश दिए, इसलिए अब बड़े नेता फिर से जिला स्तर पर जाकर फीडबैक ले रहे हैं। मौजूदा विधायकों को दूर रखकर पूर्व विधायकों, पूर्व जिलाध्यक्षों को इसलिए बुलाया गया, ताकि निष्पक्ष राय सामने आ सके। लेकिन अजमेर में चार नवम्बर को जिन 20 नेताओं ने राय दी, उनमें से अधिकांश टिकटार्थी हैं। ऐसे नेताओं ने गत 20 अक्टूबर को जयपुर में हुई रायशुमारी में पर्ची में अपना नाम लिखवाने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी। टिकिट की इच्छा रखने वाले नेताओं से रायशुमारी कितनी निष्पक्ष होगी, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। अलबत्ता कई पूर्व जिलाध्यक्षों ने अपने क्षेत्र के विधायकों के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली है। हालांकि देहात जिलाध्यक्ष बीपी सारस्वत ने किसी भी विधानसभा क्षेत्र से दावेदारी नहीं जताई है, लेकिन 20 अक्टूबर की रायशुमारी में नसीराबाद के अनेक कार्यकर्ताओं ने पर्ची पर सारस्वत का नाम लिखा। शायद सर्वाधिक नाम सारस्वत का ही लिखा गया। सारस्वत को सीएम वसुंधरा राजे का समर्थक माना जाता है, इसलिए उनकी राय उसी नजरिए से रही होगी। पूर्व विधायक श्रीकिशन सोनगरा ने स्वयं तो टिकिट नहीं मांग, लेकिन उनके पुत्र विकास सोनगरा ने अजमेर दक्षिण से दावेदारी जताई है। जिला प्रमुख वंदना नोगिया अजमेर दक्षिण, अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा, नगर परिषद के पूर्व सभापति सुरेन्द्र सिंह शेखावत व पूर्व विधायक हरीश झामनानी अजमेर उत्तर से दावेदार हैं। श्रीमती सुशील कंवर पलाड़ा पूर्व जिला प्रमुख है, लेकिन वर्तमान में मसूदा की विधायक होने की वजह से श्रीमती पलाड़ा को नहीं बुलाया, लेकिन चन्द्रशेखर को फीडबैक देने के लिए पूर्व जिला प्रमुख श्रीमती सरिता गैना को आमंत्रित किया गया था, श्रीमती गैना नसीराबाद से प्रबल दावेदार हैं। वे नसीराबाद से मात्र 386 मतों से उपचुनाव में पराजित हुई थी। देहात के पूर्व जिलाध्यक्ष नवीन शर्मा भी मसूदा से प्रबल दावेदार है, हालांकि पिछला चुनाव शर्मा ने बागी उम्मीदवार के तौर पर लड़ा था और तब उन्हें भाजपा से निष्कासित कर दिया था। पिछले दिनों ही शर्मा को भाजपा में शामिल किया गया। इससे पूर्व किशन गोपाल कोगटा भी मसूदा से दावेदार हैं। पूर्व जिला प्रमुख पुखराज पहाड़िया भी राय देने वालों में शामिल थे, जबकि पहाड़िया नसीराबाद से प्रबल दावेदार हैं। पहाड़िया ने तो चार दिन पहले ही जयपुर स्थित भाजपा के मुख्यालय में जोरदार शक्ति प्रदर्शन भी किया। पूर्व जिला प्रमुख श्रीमती सीमा माहेश्वरी ने भी अपने नजरिए से राय दी। पूर्व जिलाध्यक्ष मांगीलाल अग्रवाल और पूर्व विधायक जगजीत सिंह ने भी अपनी राय दी, लेकिन जगजीत सिंह की नजर किशनगढ़ पर है। राय देने वालों में धर्मेश जैन, ताराचंद अजमेरा, मेयर धर्मेन्द्र गहलोत आदि भी शामिल रहे। इसी प्रकार पूर्व विधायक बाबूलाल सिंगारिया को भी खासतौर से बुलाया गया। हालांकि सिंगारिया कांग्रेस के विधायक रहे, लेकिन बाद में कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गए।  गत बार भी सिंगारिया ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर केकड़ी से चुनाव लड़ा। इस बार भी चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। भाजपा टिकिट दे या नहीं। 4 नवम्बर को जिस होटल में बैठकर चन्द्रशेखर एक-एक नेता से मुलाकात की, उस होटल के मालिक प्रवीण जैन स्वयं भी अजमेर उत्तर से दावेदार है। हालांकि राय देने वालों की सूची में जैन का नाम शामिल नहीं था, लेकिन होटल के मालिक होने के नाते प्रवीण जैन ने भी चन्द्रशेखर से मुलाकात की।
फीडबैक पर विधायकों की नजर:
4 नवम्बर को चन्द्रशेखर ने अजमेर में बैठकर जो फीडबैक लिया, उस पर भाजपा के सातों विधायकों की नजर लगी रही। हालांकि कोई विधायक फीडबैक स्थल पर नहीं आया, लेकिन जो नेता फीडबैक में शामिल थे उनसे अधिकांश विधायकों के सम्पर्क रहे। जो विधायक अजमेर में मौजूद नहीं थे, उन्होंने भी इस फीडबैक पर सूचनाएं एकत्रित की। विधायकों को इस बात पर आश्चर्य हो रहा था कि जब 12 नवम्बर से नामांकन शुरू होना है, तब चार नवम्बर को जिला स्तर पर फीडबैक लिया जा रहा है।
एस.पी.मित्तल) (04-11-18)
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