फिर नींव का पत्थर साबित हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र यादव। 

फिर नींव का पत्थर साबित हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र यादव।
नड्डा बने कार्यकारी अध्यक्ष।

======================
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह के भरोसेमंद भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र यादव भाजपा की राजनीति में एक बार फिर नींव के पत्थर साबित हुए हैं। अमितशाह के केन्द्रीय मंत्री बनने के बाद से ही कार्यवाहक अध्यक्ष की चर्चा शुरू हो गई थी। तब जेपी नड्डा और भूपेन्द्र यादव के नाम ही उभर कर सामने आए। लेकिन कार्यकारी अध्यक्ष बनने का अवसर नड्डा को मिला। नड्डा के नाम की घोषणा होते ही बधाई देने वालों में भूपेन्द्र यादव सबसे आगे थे। असल में यादव अपने तरीके से राजनीति करते हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव के पद पर भी अपनी मेहनत और योग्यता से पहुंचे हैं। उन्हें पार्टी की ओर से जो भी कार्य मिलता है उसे बाखूबी निभाते हैं। हाल के लोकसभा चुनाव में यादव को बिहार का प्रभारी बनाया गया था। परिणाम बताते हैं  कि बिहार की 40 में 39 सीटों पर भाजपा-जेडीयू गठबंधन की जीत हुई। भाजपा तो सभी 17 सीटों पर जीती। 2014 के चुनाव में यादव के पास नरेन्द्र मोदी के बनारस की जिम्मेदारी थी। यादव राजस्थान की राजनीति में भी सक्रिय रहे। यादव राजनीति में विवादों से दूर रहते हैं। इसलिए राजस्थान की राजनीति से स्वयं को दूर कर लिया। हालांकि पार्टी अध्यक्ष अमितशाह ने यादव को दिल्ली में बड़ी जिम्मेदारी दे रखी हैं। यादव राजस्थान से ही राज्यसभा के सांसद हैं और उन्होंने अपना स्थायी निवास अजमेर में  बना रखा है। इस नाते मेरा भी यादव से संवाद बना रहता है। मैंने यह महसूस किया है कि यादव धैर्यवान राजनेता के साथ साथ बहुत गंभीर प्रकृति के हैं। उन्हें राजनीति में कभी भी मौकों की तलाश नहीं रहती है। और न ही कभी वे किसी पद के लिए लॉबिंग करते हैं। यादव शायद इसे ही अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं कि उन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमितशाह का भरोसा बना हुआ है। देश के महत्वपूर्ण फैसलों में यादव की भूमिका होती है, लेकिन वे कभी लाइम लाइट में नहीं आते। वे भाजपा संगठन और सरकार में नींव का पत्थर ही बने रहने चाहते हैं। माना जा रहा है कि नड्डा के कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद संगठन में यादव की सक्रियता और प्रभावी हो जाएगी। 18 जून को कोटा के सांसद ओम बिड़ला का लोकसभा अध्यक्ष पद का नामांकन करवाने में भी यादव की भूमिका महत्वपूर्ण रही। यादव की राजनीति की एक खासियत यह भी है कि वे सफलता पाने के लिए दूसरे की लाइन को छोटा नहीं करते हैं। बल्कि स्वयं की लाइन को बड़ा करने के लिए प्रयासरत रहते हैं।
एस.पी.मित्तल) (18-06-19)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
===========
Attachments area
Print Friendly, PDF & Email

You may also like...