तो हर समस्या के समाधान का पड़ाव है अजमेर का जिला विधिक सेवा प्राधिकरण।

तो हर समस्या के समाधान का पड़ाव है अजमेर का जिला विधिक सेवा प्राधिकरण।
===========
कहा जाता है कि जिस मंदिर का पुजारी सेवा भावी होता है, उस मंदिर के भगवान की चर्चा दूर दूर तक होती है। असल में पुजारी श्रद्धालुओं और मंदिर में आने वाले लोगों के साथ जैसा व्यवहार करता है, उसी से मंदिर की प्रसिद्धि होती है। ऐसा कुछ इन दिनों अजमेर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में हो रहा है। भारतीय  संविधान में न्यायालय को भी न्याय का मंदिर कहा गया है। राजस्थान उच्च न्यायालय और राज्य सरकार ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को समस्याओं के समाधान के लिए बहुत ताकतवर बनाया है। न्याय के इस मंदिर में प्राधिकरण के सचिव के तौर पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश शक्ति सिंह शेखावत बैठे हुए हैं। शेखावत वाकई एक अच्छे पुजारी की भूमिका निभा रहे हैं, इसलिए इन दिनों अजमेर जिले में प्राधिकरण के काम काज की चर्चा है। अदालतों के वर्षों से चक्कर काट रहे जिन पक्षकारों की समस्याओं का समाधान हुआ है, वे तो नयायाधीश शेखावत और प्राधिकरण को भगवान के मंदिर से भी बड़ा मानते हैं। चूंकि राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की क्रियान्विति को भी प्राधिकरण के दायरे में लाया गया है इसलिए किसी सरकारी दफ्तर में उत्पन्न होने वाली समस्या का समाधान भी प्राधिकरण के माध्यम से करवाया जा सकता है। न्यायाधीश शेखावत का कहना है कि प्राधिकरण के अधिकारों के बारे में लोगों को जानकारी होना जरूरी है। प्राधिकरण का कार्य सिर्फ अदालतों में चलने वाले मुकदमों में समझाइश का ही नहीं है, बल्कि लोगों की आप समस्याओं का समाधान करना भी है। किसी सरकारी दफ्तर में नियमों के तहत कोई कार्य नहीं हो रहा है तो प्राधिकरण की सेवाएं ली जा सकती है। प्राधिकरण के कामकाज की जानकारी देने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जगह-जगह शिविर लगाए जाते हैं। स्वयं सेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों को भी दायित्व है कि वे प्राधिकरण के माध्यम से पीड़ित लोगों को राहत प्रदान करवाएं। यदि किसी स्थानीय निकाय में सुनवाई नहीं हो रही है तो भी प्राधिकरण में शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है। आमतौर पर लोगों को पुलिस से शिकायत रहती है। प्राधिकरण के माध्यम से ऐसी जायज शिकायतों का भी समाधान करवाया जाता है। प्राधिकरण को मिले विधिक अधिकारों से समस्याओं का समाधान प्रभावी तरीके से होता है। शेखावत ने बताया कि प्राधिकरण के अध्यक्ष और अजमेर के जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार भारवानी के मार्ग निर्देशन में समस्याओं का समाधान त्वरित गति से हो रहा है। न्यायाधीश भारवानी का भी प्रयास रहा कि प्राधिकरण में सेवा की भावना से लोगों को राहत मिले। न्यायाधीश भारवानी प्राधिकरण के सभी शिविरों में स्वयं उपस्थित रहते हैं। प्राधिकरण की सबसे बड़ी भूमिका इन दिनों पारिवारिक विवादों को निपटाने में है। चूंकि ऐसे विवाद महिलाओं से जुड़े होते हैं, इसलिए एक मामले में कई परिवारों के अनेक सदस्य परेशान होते हैं। भारतीय संस्कृति में महिला को देवी का दर्जा दिया गया है, ऐसे में महिला रूपी देवी परेशान हो तो यह सम्पूर्ण समाज के लिए अच्छा नहीं है। ऐसे पारिवारिक मामलों को निपटाने के लिए प्राधिकरण में पूरा पैनल बना हुआ। मेरे लिए यह संतोष की बात है कि प्राधिकरण के माध्यम से पिछले चार माह में करीब 200 पारिवारिक विवादों को सफलतापूर्वक निपटाया गया है। जिन परिवारों के आपसी विवाद निपटते है उनकी खुशी वे ही समझते हैं। न्यायाधीश शेखावत ने कहा कि पारिवारिक विवाद ज्यादातर अहम से जुड़े होते हैं, इसलिए प्रभावी तरीके से दोनों पक्षों खासकर पति-पत्नी के साथ समझाइश की जाए तो समस्या का समाधान हो सकता हैं। मैं प्राधिकरण  में सेवा की भावना से ही कार्य कर रहा हंू। इसमें कोई दो राय नहीं कि शेखावत ने जब से प्राधिकरण में सचिव का पद संभाला है तब से प्राधिकरण को तेज गति मिली है। शेखावत की इस उपलब्धि के लिए मोबाइल नम्बर 9828115511 पर हौंसला अफजाई की जा सकती है।
अजमेर में प्राधिकरण का दफ्तर:
यूं तो अजमेर में प्राधिकरण का कार्यालय जिला  एवं सत्र न्यायालय परिसर के सामने हैं, लेकिन फिलहाल प्राधिकरण में जाने का रास्ता राजस्व मंडल के सामने से है। यानि अजमेर विकास प्राधिकरण के पास वाली गली से प्राधिकरण के कार्यालय तक पहुंचा जा सकता है। कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की शिकायत प्राधिकरण के कार्यालय में कर सकता है। कार्यलय समय में लैंडलाइन नम्बर 0145-2628277 तथा 0145-2633356 पर संवाद कर सकता है। ईमेल legalaidajmer@gmail.com पर भी शिकायत दी जा सकती है।
एस.पी.मित्तल) (23-02-19)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
=========
Print Friendly, PDF & Email

You may also like...