सीबीआई, इनकम टैक्स और ईडी की तरह कोरोना के टीके का इस्तेमाल विपक्ष के नेतओं के विरुद्ध हो सकता है। कांग्रेस ने कहा कि अखिलेश यादव के बयान को नजर अंदाज़ नहीं किया जा सकता। लेकिन उमर अब्दुल्ला कोरोना का टीका लगवाने को तैयार। राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने भी केन्द्र सरकार और वैक्सीन पर उठाए सवाल।

जब आम नागरिक कोरोना से निजात पाने के लिए वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार कर रहा है, तब देश् में अनेक राजनेता, वैक्सीन पर राजनीति कर रहे हैं। कांग्रेस को भी आशंका है कि जिस प्रकार केन्द्र सरकार अपने विरोधियों को कुचलने के लिए सीबीआई, इनकम टैक्स, ईडी आदि सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है उसी तरह विपक्ष के नेताओं को नुकसान पहुंचाने के लिए कोरोना के टीके का इस्तेमाल किया जा सकता है। कांग्रेस के प्रवक्ता राशीद अल्वी ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार विपक्षी नेताओं को जेल में देखना पसंद करती है। अल्वी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ताजा बयान को नजर अंदाज़ नहीं किया जा सकता। मालूम हो कि अखिलेश ने वैक्सीन को भाजपा की बता कर टीका लगवाने से इंकार कर दिया है। अखिलेश के बाद अब कांग्रेस ने कोरोना के टीके को रजनीति से जोड़ दिया है। सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेता व कार्यकर्ता कोरोना का टीका नहीं लगवाएंगे? हलांकि कांग्रेस और सपा नेताओ के बयान हास्यास्पद ही माने जाएंगे, क्योंकि टीका लगाने का काम राजनेताओं का नहीं बल्कि चिकित्सको का है। ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जिसमें विपक्षी नेताओं का स्वास्थ्य बिगाडऩे वाला टीका लगा दिया जाए। इस तरह के आरोपा लगाकर सिर्फ ओछी और गैर ज़िम्मेदाराना राजनीति की जा रही है। भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में से एक है जिसने अपनी वैक्सीन तैयार की है। हमारे वैज्ञानिक भी अमरीका, इंग्लैंड, रूस आदि देशो से पीछे नहीं है। हमारे वैज्ञानिकों ने भी कोरोना वायरस के प्रभाव को समाप्त करने के लिए अपने संसाधनों से वैक्सीन तैयार की है। यदि हमारे वैज्ञानिक वैक्सीन तैयार नहीं करते तो हमे दूसरे देशों से वैक्सीन मंगानी पड़ती। जब पूरे देश को वैज्ञानिकों को बधाई देनी चाहिए,  तब कुछ राजनेता गैर जिम्मेदाराना राजनीति कर रहे हैं। वैज्ञानिक और केन्द्र सरकार जानती है कि किन मुसीबतों से वैक्सीन तैयार की गई है। दुनिया में भारत ही एक मात्र देश होगा, जहां कुछ राजनेता अपने वैज्ञानिकों और सरकार की इतनी बड़ी उपलब्धि पर भी खुश नहीं है। जहां तक जांच एजेंसियों का सवाल है तो जिसने बेईमानी की है, उस पर कार्यवाही तो होगी ही? राजनीति को आगे कर देश को लूटने वाले बच नहीं सकते। यदि जांच एजेंसियां किसी के दबाव मे काम कर रही है तो न्यायपालिका की शरण लेनी चाहिए। यह बात अलग है कि बेईमान लोगों को न्यायपालिका पर भी भरोसा नहीं हो। कांग्रेस और सपा नेता कोरोना के टीके को लेकर कुछ भी कहे, लेकिन जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वे कोरोना का टीका लगवाने को तैयर है। यह स्वास्थ्य से जुड़ा मामला है जो हर मनुष्य के लिए जरूरी है।
चिकित्सा मंत्री ने उठाए सवाल:
कोरोना वैक्सीन के प्रभाव को लेकर राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने भी सवाल उठाए है। 2 जनवरी को एक राष्ट्रीय न्यूज़ चैनल पर रघु शर्मा ने कह कि कोरोना का टीका लगाने के बाद यदि किसी व्यक्ति की तबीयत खराब होती है तो चिकित्सकों को किस तरह इलाज करना है इसकी कोई जानकारी नहीं है। चूंकि वैक्सीन केन्द्र सरकार से ही आनी है, इसलिए प्रदेश के चिकित्सकों को वैक्सीन के प्रभाव के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अच्छा होता कि केन्द्र सरकार पहले वैक्सीन के प्रभाव के बारे में चिकित्सकों को प्रशिक्षित करती। रघु शर्मा ने स्पष्ट कहा कि वैक्सीन के बारे में राज्य सरकार को कोई जानकारी नहीं है। केन्द्र सरकार ने वैक्सीन को रखने के लिए जो गाइड लाइन भेजी है, उसके अनुसार तैयारी कर ली है। रघु शर्मा के इंटरव्यू से प्रतीत हो रहा था कि केन्द्र और राज्य सरकार में तालमेल का अभाव है। यदि टीका करण के बारे में कोई समस्या होती है तो संबंधित व्यक्ति को परेशानी होगी। 
S.P.MITTAL BLOGGER (03-01-2021)
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