आखिर सचिन पायलट कब तक शक्ति प्रदर्शन करते रहेंगे? गांधी परिवार के सलाहकार अशोक गहलोत तो पायलट की शक्ति को अच्छी तरह जानते हैं। दिल्ली रैली से ज्यादा अजमेर के कांग्रेसी पायलट को जन्मदिन की बधाई देने पहुंचे।

6 सितंबर को राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट का जन्मदिन जयपुर में धूमधाम से मनाया गया। देशभर के कार्यकर्ताओं ने जयपुर पहुंचकर पायलट को जन्मदिन की बधाई दी। 6 सितंबर को भी कांग्रेस के अनेक विधायकों ने पायलट के आवास पर पहुंच कर बधाई दी। निर्दलीय विधायक सुरेश टांक और ओम प्रकाश हुड़ला भी पायलट को बधाई देने वालों में शामिल रहे। प्रतिवर्ष पायलट के जन्मदिन पर इस तरह का शक्ति प्रदर्शन होता है। लेकिन सवाल उठता है कि पायलट आखिर कब तक शक्ति प्रदर्शन करते रहेंगे। पायलट कोई छह वर्ष तक राजस्थान में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे। 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में पायलट के नेतृत्व में ही कांग्रेस को सरकार बनाने का अवसर मिला। यह बात अलग है कि तब पायलट को प्रदेश का मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया। सरकार बनने पर पायलट को उपमुख्यमंत्री बनाया गया और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर भी आसीन रखा गया। लेकिन सरकार बनने के डेढ़ वर्ष पश्चात सचिन पायलट जुलाई 2020 में जब कांग्रेस के 18 विधायकों के साथ दिल्ली में शक्ति प्रदर्शन करने गए तो राजस्थान में अशोक गहलोत ने पायलट से सभी पद छीन लिए। अगस्त 2020 के बाद भी पायलट लगातार शक्ति प्रदर्शन कर ही रहे हैं, लेकिन गहलोत के मुख्यमंत्री रहते हुए पायलट को अभी तक भी किसी भी शक्ति प्रदर्शन का लाभ नहीं मिला है। पायलट को भले ही यह उम्मीद हो कि गांधी परिवार अपने वादे को पूरा करेगा, लेकिन पिछले एक वर्ष में सीएम गहलोत ने गांधी परिवार के साथ अपने संबंधों को और मजबूत कर लिया है। देखा जाए तो गहलोत ही गांधी परिवार के मुख्य सलाहकार बने हुए हैं। गांधी परिवार के वजूद को कायम रखने के लिए गहलोत जो कुछ भी कर सकते हैं वे कर रहे हैं। गहलोत की रणनीति के मुताबिक ही राहुल गांधी को फिर से अध्यक्ष बनाया जाएगा। ऐसे में सवाल उठता है कि सचिन पायलट को शक्ति प्रदर्शन का कब लाभ मिलेगा। जहां तक गहलोत के  व्यवहार का सवाल है तो गहलोत आज भी यह मानते हैं कि जुलाई 2020 में पायलट ने भाजपा के इशारे पर ही बगावत की थी। गहलोत अपनी सभी सभाओं में पायलट की बगावत का उल्लेख करते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सचिन पायलट को मौजूदा समय में कोई लाभ मिल सकेगा? पायलट के समर्थकों को उम्मीद है कि जब अशोक गहलोत कांग्रेस के अध्यक्ष बन जाएंगे अब राजस्थान की कमान पायलट को ही मिलेगी। समर्थकों की यह उम्मीद कितनी सफल होती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन राजस्थान में पायलट की लोकप्रियता आज भी कायम है। पायलट जहां भी जाते हैं वहां उनके समर्थकों की भीड़ जमा हो जाती है। सीएम गहलोत को भी पायलट की शक्ति का पता है। देखना होगा कि गहलोत पायलट की शक्ति को कब स्वीकार करते हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि जुलाई 2020 में पायलट को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से हटाकर सभी जिला और ब्लॉक कमेटियों को भंग कर दिया गया था। लेकिन आज दो साल बाद भी कांग्रेस संगठन उन्हीं भंग कमेटियों के माध्यम से चल रहा है। 
रैली से ज्यादा जन्मदिन में पहुंचे कांग्रेसी:
चार सितंबर को दिल्ली में कांग्रेस की महंगाई विरोधी रैली हुई। इस रैली में बसों को ले जाने की सक्रियता में प्रमुख कांग्रेस नजर नहीं आए। कई दिग्गज नेता तो रैली में पहुंचे ही नहीं। लेकिन 6 सितंबर को पायलट को जन्मदिन की बधाई देने के लिए अजमेर के कांग्रेसियों का जमावड़ा जयपुर में रहा। पूर्व मंत्री नसीम अख्तर, शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय जैन, गत चुनावों में प्रत्याशी रहे महेंद्र सिंह रलावता, हेमंत भाटी आदि अनेक नेताओं ने कार्यकर्ताओं के साथ पायलट को बधाई दी। यानी जितने कांग्रेस रैली में शामिल हुए उससे कई ज्यादा पायलट के जन्मदिन पर नजर आए। हालांकि पूर्व मंत्री नसीम अख्तर और उनके पति हाजी इंसाफ अली ने दिल्ली की रैली में कार्यकर्ताओं को ले जाने में भी सक्रियता दिखाई थी। नसीम और इंसाफ अली 6 सितंबर को भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ पायलट के निवास पर देखे गए। श्रीमती अख्तर मौजूदा समय में प्रदेश कांग्रेस की उपाध्यक्ष भी हैं। 

S.P.MITTAL BLOGGER (06-09-2022)
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