देश की दिशा में जा रहा है, इसका अंदाजा हनुमान जन्मोत्सव पर लगी पाबंदियों से लगाया जा सकता है। इस्लामिक देशों के संगठन के बयान को बिदरी शिल्प के कलाकार शाह रशीद अहमद कादरी ने झूठा साबित किया।

6 अप्रैल को देश भर में हनुमान जन्मोत्सव को उत्साह के साथ तो मनाया, लेकिन पाबंदियों के साथ। दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में पुलिस के दिशा निर्देशों और अनेक पाबंदियों के बीच कुछ हनुमान भक्तों ने जुलूस निकाला। पश्चिम बंगाल और बिहार में तो राज्य सरकारों ने ही अनेक पाबंदियां लगाई। हनुमान जन्मोत्सव पर लगी पाबंदियों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश किस दिशा में जा रहा है। 1947 में भारत का विभाजन धर्म के आधार इसलिए हुआ था कि मुसलमानों को अपना अलग देश चाहिए। मोहम्मद अली जिन्ना ने वो सब कारण बताए जो मुस्लिम देश के पक्ष में थे। मुसलमानों का अलग देश बनाने में विलंब हुआ तो मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में हिन्दुओं का कत्लेआम होना शुरू हो गया। आखिर में पाकिस्तान नया देश स्वीकार करना ही पड़ा। जब पाकिस्तान बना, तब यह उम्मीद जताई गई कि शेष भारत में हिन्दू समुदाय अपनी सनातन संस्कृति के अनुरूप रह सकेगा। हिन्दुओं को अपने धार्मिक उत्सव मनाने पर किसी को एतराज नहीं होगा। लेकिन पिछले दिनों रामनवमी पर हुई हिंसा और अब हनुमान जन्मोत्सव पर जो पाबंदियां लगाई वो दर्शाती हैं कि पाकिस्तान बनने के बाद भी भारत में हिन्दू समुदाय अपने धार्मिक पर्व मनाने को स्वतंत्र नहीं है। वोटों के खातिर राजनीतिक दलों के नेता ही हिन्दू समुदाय को उपदेश रहे रहे हैं। कहा जा रहा है कि देश के जो इलाके मुस्लिम बाहुल्य है, वहां से हिन्दुओं के धार्मिक जुलूस नहीं निकलने चाहिए। गंभीर बात तो यह है कि देश के कई राज्यों में इस निर्णय पर अहमा हुआ भी है। पाकिस्तान को मुस्लिम राष्ट्र और भारत को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनाने के परिणाम अब सामने आने लगे हैं। अब देखना होगा कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में नई चुनौतियों का मुकाबला कैसे किया जाता है। 
ओआईसी झूठा:
ओआईसी यानी ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन ने 4 अप्रैल को एक बयान जारी कर आरोप लगाया कि रामनवमी पर पश्चिम बंगाल और बिहार की हिंसा में मुसलमानों को नुकसान पहुंचाया गया है। ओआईसी ने भारत के मुसलमानों को लेकर चिंता भी जताई। हालांकि ओआईसी का बयान पाकिस्तान का ही षडय़ंत्र है, लेकिन ओआईसी के बयान को कर्नाटक के बिदरी शिल्प कलाकार शाह रशीद अहमद कादरी ने झूठा साबित किया है। 5 अप्रैल को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से पद्मश्री सम्मान लेने के बाद कादरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि मुझे उम्मीद नहीं थी कि भाजपा सरकार में पुरस्कार मिलेगा। आपने मेरे ख्याल को गलत साबित किया है। पद्मश्री पुरस्कार मिलने पर कादरी ने पीएम मोदी का शुक्रिया भी किया। ओआईसी के बयान के बाद जो लोग भारत की आलोचना कर रहे थे, उन्हें कादरी के कथन से जवाब मिल गया है। भले ही मुस्लिम बाहुल्य इलाको से हिंदू समुदाय के धार्मिक जुलूसों को न निकलने की हिदायत दी जा रही हों, लेकिन शिल्प कलाकार कादरी को यह पुरस्कार मिलना बताता है कि भारत में मुसलमानों का कितना सम्मान है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (06-04-2023)
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