16 नवंबर को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ किशनगढ़ में रोड शो, केकड़ी और पुष्कर में चुनावी सभा करेंगे। अजमेर जिले में चार बागी उम्मीदवार भाजपा से निष्कासित। अजमेर उत्तर, पुष्कर, किशनगढ़, मसूदा और नसीराबाद में कांग्रेस-भाजपा के उम्मीदवारों की जीत निर्दलीयों की ताकत पर निर्भर। ब्यावर में बागावास की उम्मीदवारी से भाजपा को फायदा होने का दावा।

अजमेर जिले में विधानसभा की आठ सीटें हैं। इनमें से तीन सीटों पर 16 नवंबर को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ योगी के चुनावी कार्यक्रम होते हैं। भाजपा के मीडिया प्रभारी अनीश मोयल ने बताया कि योगी की पहली सभा दोपहर 2 बजे केकड़ी में तथा दूसरी सभा साढ़े तीन बजे पुष्कर में होगी। इसी प्रकार, सायं साढ़े चार बजे किशनगढ़ के शहर में योगी का रोड शो होगा। इस रोड शो के बाद सीएम योगी किशनगढ़ एयरपोर्ट से चार्टर प्लेन के जरिए लखनऊ जाएंगे। योगी के कार्यक्रम के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9929005000 पर अनीश मोयल से ली जा सकती है। 
चार बागी निष्कासित:
भाजपा की अनुशासन समिति के प्रदेश अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने अजमेर जिले के भाजपा के चार बागी उम्मीदवारों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इनमें ब्यावर से इंद्र सिंह बागावास, महेंद्र सिंह रावत, पुष्कर से अशोक सिंह रावत तथा अजमेर उत्तर से ज्ञान सारस्वत है। यह निष्कासन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के निर्णय पर हुआ है। निष्कासन के आदेश भाजपा के देहात जिला अध्यक्ष देवी शंकर भूतड़ा को भिजवा दिए हैं। मालूम हो कि बागावास भाजपा के संपर्क प्रमुख प्रकोष्ठ के संभाग प्रभारी, महेंद्र सिंह रावत बिलाड़ा के प्रभारी होने के साथ साथ पंचायत समिति के सदस्य तथा अशोक सिंह रावत ओबीसी मोर्चे के जिला अध्यक्ष, इसी प्रकार ज्ञान सारस्वत भाजपा के पार्षद थे। हालांकि इन सभी ने पूर्व में ही पार्टी से इस्तीफे दे दिए थे। 
निर्दलीयों की ताकत पर निर्भरता:
अजमेर जिले के पांच विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस और भाजपा उम्मीदवारों की जीत निर्दलीय उम्मीदवारों की ताकत पर निर्भर है। ये निर्दलीय जितने वोट प्राप्त करेंगे, उसी के आधार पर भाजपा कांग्रेस की जीत होगी। अनेक निर्दलीय समर्थकों का दावा है कि इस बार निर्दलीय प्रत्याशियों की जीत होगी। किशनगढ़ में तो मौजूदा विधायक और निर्दलीय उम्मीदवार सुरेश टाक के समर्थकों को एक बार फिर भाजपा और कांग्रेस के हारने की उम्मीद है। 2018 में जो विकास चौधरी भाजपा के उम्मीदवार थे, वे अब 2023 में कांग्रेस के उम्मीदवार है। वही विकास चौधरी का मुकाबला भाजपा के मौजूदा सांसद भागीरथ चौधरी से है। भागीरथ दो बार पहले भी किशनगढ़ से विधायक रह चुके हैं। इसलिए इस बार उनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। यदि भागीरथ सांसद रहते हुए विधायक का चुनाव हार जाते हैं तो उन्हें बड़ा राजनीतिक झटका लगेगा। भागीरथ की जीत निर्दलीय सुरेश टाक की ताकत पर निर्भर है। पुष्कर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार डॉ. श्रीगोपाल बाहेती (कांग्रेस) के बागी और अशोक सिंह रावत (भाजपा) के बागी और आरएलपी के उम्मीदवार को जीत की उम्मीद है। इन दोनों का दावा है कि वे विधायक बनने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। यदि सिर्फ कांग्रेस भाजपा के वोट काटने की बात होती तो वे चुनाव नहीं लड़ते। चूंकि डॉ. बाहेती कांग्रेस और अशोक सिंह रावत भाजपा के बागी है, इसलिए भाजपा उम्मीदवार सुरेश रावत और कांग्रेस उम्मीदवार श्रीमती नसीम अख्तर की जीत इन दोनों निर्दलीयों की ताकत पर निर्भर है। भाजपा समर्थकों का मानना है कि डॉ. बाहेती जीतने ज्यादा वोट मुसलमानों के प्राप्त करेंगे उतनी जीत भाजपा की पक्की होगी। इसी प्रकार कांग्रेस समर्थकों का मानना है कि अशोक सिंह रावत जितने वोट रावतों के प्राप्त करेंगे उतनी जीत कांग्रेस की पक्की होगी। अशोक सिंह रावत को रावत महासभा के अध्यक्ष शैतान सिंह रावत और कपालेश्वर महादेव मंदिर के महंत सेवानंदगिरि ने खुला समर्थन दिया है। मसूदा में भी कांग्रेस उम्मीदवार राकेश पारीक और भाजपा उम्मीदवार वीरेंद्र सिंह कानावत की जीत वाजिद चीता, सचिन सांखला, जसबीर सिंह और सुनील जैसे उम्मीदवारों की ताकत पर निर्भर है। वाजिद चीता बसपा, सचिन सांखला आरएलपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। वाजिद ने वर्ष 2013 में भी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और तब उन्हें बीस हजार 700 वोट मिले थे। उस समय वाजिद चीता सांप्रदायिक तनाव के प्रकरण में जेल में बंद थे। इस बार वाजिद स्वयं घर घर जाकर प्रचार कर रहे हैं। वाजिद को अपने चीता मेहरात, काठात समुदाय के वोटों पर भरोसा है। यदि वाजिद को 2013 वाले वोट प्राप्त होते हैं तो फिर कांग्रेस के सामने बड़ा संकट हो जाएगा। कांग्रेस को अपने बागी उम्मीदवार विजय नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष सचिन सांखला का भी मुकाबला करना पड़ रहा है। भाजपा को भी जसबीर सिंह रावत की उम्मीदवारी से नुकसान बताया जा रहा है। भामाशाह सुनी कांवडिया अपनी ढपली अलग ही बता रहे हैं। मसूदा में वोटों का ध्रुवीकरण भी हो रहा है। हालांकि कांग्रेस को गुर्जर मतदाताओं पर भरोसा है। राकेश पारीक जल्द ही सचिन पायलट की सभा मसूदा में करवाएंगे। अजमेर उत्तर में भाजपा के वासुदेव देवनानी और कांग्रेस के महेंद्र सिंह रलावता की जीत निर्दलीय ज्ञान सारस्वत, लाल सिंह रावत और कुंदन वैष्णव की ताकत पर निर्भर है। लाल सिंह और कुंदन वैष्णव को मिले वोट जहां भाजपा को सीधा नुकसान पहुंचाएंगे। वहीं ज्ञान सारस्वत को बड़ी संख्या में कांग्रेस विचारधारा वाले वोट भी मिलेंगे। इनमें मुसलमानों के वोट भी शामिल हैं। सारस्वत को व्यापारी वर्ग का भी समर्थन है। इन तीनों उम्मीदवारों की ताकत पर ही भाजपा कांग्रेस की जीत निर्भर है। नसीराबाद से भाजपा के उम्मीदवार रामस्वरूप लांबा और कांग्रेस के शिव प्रकाश गुर्जर के बीच शिवराज सिंह पलाड़ा फंसे हुए हैं। पलाड़ा मौजूदा जिला प्रमुख श्रीमती सुशील कंवर पलाड़ा के पुत्र हैं। पलाड़ा परिवार की राजनीति शिवराज के पिता भंवर सिंह पलाड़ा के इशारे पर चलती है। श्रीमती पलाड़ा दूसरी बार जिला प्रमुख हैं और वर्ष 2013 से 2018 के बीच मसूदा की विधायक रह चुकी है। जिला प्रमुख के चुनाव में बगावत करने की वजह से पलाड़ा दम्पत्ति को भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था। शिवराज की उम्मीदवार से पलाड़ा परिवार की  प्रतिष्ठा दांव पर लग गई है। परिवार ने पूरी ताकत झोंक दी है। यही वजह है कि शिवराज को मिले वोटों पर कांग्रेस भाजपा की जीत निर्भर है। फिलहाल शिवराज की उम्मीदवारी से नसीराबाद में भाजपा और कांग्रेस का गणित बिगड़ा हुआ है।
हालांकि ब्यावर में भाजपा के शंकर सिंह रावत और कांग्रेस के पारसमल जैन के बीच सीधा मुकाबला है। लेकिन यहां भाजपा के बागी इंदर सिंह बागावास की उम्मीदवारी को भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भाजपा के समर्थकों का कहना है कि बागावास की उम्मीदवारी से भाजपा को ही फायदा होगा। बागावास का प्रभाव ब्यावर के शहरी क्षेत्र में ज्यादा है। शंकर सिंह रावत चौथी बार ब्यावर से चुनाव लड़ रहे हैं। गत तीन बार की जीत में रावत मतदाताओं की एकजुटता रही है। रावत मतदाता ग्रामीण क्षेत्र में हैं। पूर्व के परिणामों में देखा गया है कि रावत को शहरी क्षेत्र से कम मिलते हैं। ऐसे में यदि शहरी क्षेत्र के वोट कांग्रेस के बजाए बागावास को मिलते हैं तो उसका फायदा भाजपा को मिलेगा। चुनाव में भाजपा के बागी महेंद्र सिंह रावत भी रावत मतदाताओं में सेंध लगाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। केकड़ी में कांग्रेस के रघु शर्मा और भाजपा के शत्रुघ्न गौतम तथा अजमेर दक्षिण में कांग्रेस की द्रौपदी कोली और भाजपा की अनिता भदेल में सीधा मुकाबला है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (14-11-2023)

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