अमित शाह ने भी कहा सांसद-विधायक अहंकार छोड़ें। संगठन से ही मिलती है सत्ता। =======================

#2818

21 जुलाई को जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का तीन दिवसीय जयपुर दौरा शुरू हुआ था, तब मैंने अपने ब्लॉग संख्या 2810 में यह लिखा था कि अमित शाह अपने दौरे में भाजपा के सांसदों, मंत्रियों और विधायकों को विनम्र बनने की सीख दें। क्योंकि वर्तमान में भाजपा के जनप्रतिनिधि सत्ता के नशे में डुबे हैं। मैं यह दावा नहीं करता कि अमित शाह ने मेरा ब्लॉग पढ़कर ही अपने सांसदों और विधायकों को कोई सीख दी है। शाह ने अपने दौरे के अंतिम दिन 23 जुलाई को सांसदों और विधायकों से दो टूक शब्दों में कहा कि अहंकार छोड़कर आम भाजपा कार्यकर्ता की तरह काम करें। शाह ने कहा कि कार्यकर्ता से संगठन मजबूत होता है और संगठन से ही सत्ता मिलती है। यदि सत्ता में आने के बाद सांसद और विधायक घमंडी हो जाएंगे तो सत्ता चली भी जाएगी। उन्होंने सांसदों और विधायकों को सलाह दी कि वे अपने कोष की राशि को भाजपा के आम कार्यकर्ता से पूछकर खर्च करें। कार्यकर्ता को यह पता होना चाहिए कि उसके विधायक और सांसद ने किस स्थान पर विकास कार्य करवाया है। उन्होंने कहा कि विधायक और सांसद जितने विनम्र होंगे,उतना ही लाभ संगठन को मिलेगा। विधायक और सांसद ही जनता के बीच पार्टी का चेहरा होता है। यदि हमारा चेहरा सरल और विनम्र होगा तो इसका फायदा चुनाव में भी मिलेगा। अब देखते हैं कि अमित शाह की सीख का राजस्थान में भाजपा के सांसदों और विधायकों पर कितना असर होता है। इस समय राजस्थान में सभी 25 लोकसभा क्षेत्रों में भाजपा के सांसद और 200 में से 161 विधायक भाजपा के ही हैं। आम शिकायत है कि भाजपा के सांसद, विधायक और मंत्री न केवल घमंडी है बल्कि दुव्र्यवहार भी करते हैं। सांसदों और विधायकों के व्यवहार से ही भाजपा की छवि खराब हो रही है
एस.पी.मित्तल) (23-07-17)
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